10th Science Mvvi Subjective Questions Bihar Board 2022 Part-02

Q.11. धातुक्रम किसे कहतें है इनके प्रमुख चरणों को लिखें ?

 

उत्तर – अयस्कों से शुद्ध धातु प्राप्त करनें की प्रक्रिया को धातुक्रम कहतें हैं। इसके प्रमुख चरण निम्नलिखित है।
 i . धातु के औकसाइड से धातु का निस्कर्सन 

ii . धातु का शुद्धीकरण 

iii . सांद्रित अयस्क से धातु के औकसाइड में परिवर्तन 

 

Q.12. सोडीयम को किरोसिन तेल में रखा जाता है, क्यों ?

 

उत्तर – सोडीयम समान ताप पर नमी एवं हवा के औकसीजन के साथ अभिक्रिया कर सोडीयम औकसाइड बनाता है इसिलिए सोडीयम को किरोसिन तेल में डूबाकर रखा जाता है।

 

Q.13. पित्त क्या है ? इसके प्रमुख कारणों को लिखें।

 

उत्तर – पित्त हरा एवं गाढ़ा रंग का क्षारीय द्रव होता है जो आमाशय से ग्रहनीं में आए अम्लीय कायिम की अम्लीयता को नस्त कर उसे क्षारीय बनाता है | पित्त के लवणों की सहायता से वसा का विखंडन एवं पायसीकरन  होता है  जिससे पाचन में आसानी होती है।

 

Q.14. कार्बन और उसके यौगिकों का उपयोग ईंधन के रूप में होता है क्यों ?

 

उत्तर – कार्बन ऐवम उसके यौगिकों का उपयोग ईंधन के रूप में होता है इसके निम्नलिखित कारण है।

(a) ये दहन के फलस्वरूप अधिक ऊष्मा उत्पन्न करता है।

(b) इनका ज्वलन ताप सामान्य होता है।

(c) इनका रख-रखाउ आसान है।

(c) इसके दहन पर नियंत्रण सम्भव है।

 

Q.15. समजातीय श्रेणी किसे कहते है ? इसकी विशेषता को लिखें ?

 

उत्तर – वैसे यौगिकों के श्रेणी जिसके सभी सदस्यों को किसी सामान्य सूत्र से व्यक्त किया जाता है तथा किसी भी दो क्रमागत सदस्यों के बीच –CH2 समजातीय श्रेणी कहलाता है।

विशेषता :

(a) सभी यौगिकों के रासायनिक गुण समान होता है |

(b) दो क्रमागत सदस्यों का अणूसूत्र में -CH2 तथा द्रव्यमान में 14amu का अंतर होता है। 

 

Q.16. प्रागकण किसे कहते हैं, वर्षा होने पर प्रागकण पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?

 

उत्तर – प्रागकणो के प्रागकोश से निकलकर उसी पुष्प या उसी जाती के दूसरे पुष्पों को वर्तिकाग्र तक पहुँचने की क्रिया को परागकण कहते हैं।

  वर्षा होने पर प्रागकण में बाधा उत्पन्न होती है वर्षा से वर्तिकाग्र पर पहुँचे प्रागकण झर जाते हैं।

 

Q.17. परितंत्र में अपघटक की क्या भूमिका है ?

 

उत्तर – पर्यावरण में संतुलन स्थापित करने में अपघटक के महत्त्वपूर्ण भूमिका है, यह पौधौं तथा जंतुओं के मृत शरीर तथा अन्य वज्र पधार्थों में उपस्थित कार्बोनिक पधार्थों को अकार्बोनिक तत्वों में मुक्त कर देते हैं जो विभिन्न गैसों के रूप में वायुमंडल में चले जाता है या मिट्टी में मिल जाता है।

Q.18. आहार जाल से क्या समझते हैं ?

 

उत्तर – पारिस्तिथिक तंत्र में एक साथ कई आहार श्रीनखलाएँ समांतर रूप से से उपस्तिथ होती है , ये आहार श्रीनखलाएँ हमेशा सीधी ना हो एक दूसरे से आरे-तिरछे जुड़कर एक जाल जैसी संरचना बनाती है जिसे आहार जाल या खाद जाल कहते हैं।

Q19. ओज़ोन (O3 )परत की नष्ट होने के क्या कारण हैं ?

 

उत्तर – ओज़ोन पर ऑक्सिजन के तीन परमाणुओं से मिलकर ओज़ोन का वायुमंडल के ऊपरी सतह में एक आवरण है जो सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणो से पृथ्वी की रक्षा करता है। इस परत का क्षरण हानिकारक रसायन जैसे CFC, FC , नाइट्रोजन मोनो ऑक्साइड  इत्यादि गैसों के वातावरण में पहुँचने का कारण होता है।

 

Q.20. जब ऐंड्रिनल  हॉर्मोन रुधिर में मिल जाता है तो शरीर में क्या अणूक्रिया होती है ?

 

उत्तर – जब ऐंड्रिनल हॉर्मोन रुधिर में मिल जाता है तो यह मुख्य रूप से हृदय पर प्रभाव डालता है। हृदय की धड़कन तेज हो जाती है और ऑक्सीजन  तेज़ी से पहुँचना शुरू हो जाती है, परिणाम स्वरूप पेशिय अधिक संक्रीय हो जाता है।

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