Q.1. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में केंद्रीय समस्याओं का समाधान कैसे होता है ?
उत्तर:- पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में केंद्रीय समस्याओं का समाधान कीमत संयंत्र द्वारा होता है। बाजार शक्तियों मांग और पूर्ति में संतुलन स्थापित करता है। बाजार की मांग और पूर्ति की शक्तियों क्रियाशील होकर वस्तु की कीमत निर्धारण उस बिंदु पर करती है जहां वस्तु की मांग एवं वस्तु की पूर्ति परस्पर बराबर हो जाए। इनमें राज्य हस्तक्षेप सीमित होता है।
Q.2. बजट सेट तथा बजट लाइन में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :- बजट सेट: बजट सेट या अफसर सेट में सभी संभव उपयोग मंडलों को शामिल किया जाता है जो किसी व्यक्ति को सम्मान की कीमतों और व्यक्ति की आय के स्तर को दे सकते हैं।
बजट लाइन :- बजट सेट को बजट लाइन द्वारा ऊपर से बांध दिया जाता है जो मूल्य और उपभोग को आए अस्तर से बांध लेते हैं। उपभोक्ता बजट लाइन से ऊपर किसी वस्तु को नहीं खरीद सकता है । इस रेखा पर उपभोक्ता का संपूर्ण आय व्यय हो जाता है।
Q.3. मांग में कभी करने वाले चार निर्धारक तत्व को बताइए।
उत्तर सांग में कमी करने वाले चार निर्धारक तत्व निम्नलिखित हैं
(1) जब उपभोक्ता की आय में कमी होती है
(2) जब प्रतिस्थापन वस्तु की कीमत में कमी होती है
(3) रुचि में परिवर्तन
(4) जलवायु परिवर्तन आदि
Q.4. मांग रेखा तथा मांग फलन का क्या तात्पर्य है ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:- मांग रेखा :- मांग तालिका को जब रेखा चित्र के रूप में प्रदर्शित किया जाता है तो उसे मांग वक्र कहते हैं। यह मांग वक्र कीमत में मांगी गई मात्रा के बीच एक वितरित संबंध बताता है।
मांग फलन:- मांग फलन से ज्ञात होता है कि किसी वस्तु की बाजार मांग अथवा वस्तु की कुल मांग विभिन्न निर्धारक तत्व से किस प्रकार संबंधित है।
Q.5. मांग की लोच को परिभाषित
कीजिए।
उत्तर:- लोच का अभिप्राय वस्तु में घटने बढ़ने का प्रवृत्ति से है। मांग की लोच किसी वस्तु की कीमत में होने वाले प्रतिशत परिवर्तन तथा उस वस्तु की मांग में होने वाले प्रतिशत परिवर्तन का अनुपात है।